Sunday 2 November, 2008

पुलिस की गोली से मरना क्या बड़ी बात है?

सुना आपने...
मुंबई में राहुल राज मारा गया...पुलिस के हाथों...हंगामा हो गया...सरकारें हिल गईं...नेता प्रधानमंत्री से मिलने पहुंच गए...राज्य सरकार के दफ्तरों में सेंटर के फोन घनघनाने लगे...राहुल के घर मीडिया का जमावड़ा लग गया...मंत्री, संतरी सब पहुंच गए....पिता ने कहा बेटा बेकसूर था...बहनें बिलखतीं दिखाई दीं तो सब भावुक हो गए....पुलिस की गोली से मरना क्या इतनी बड़ी बात है...ठीक एक दिन पहले पुलिस की गोली से कोई मरा था...एक कॉलम की खबर थी...किसी ने पढ़ी, किसी ने नहीं...उसके हाथ में बंदूक भी नहीं थी...वह किसी को मारने भी नहीं आया था...वह किसी से बदला भी नहीं चाहता था...सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया...पुलिस की गोली चली...मारा गया...कोई नहीं हिला...कोई नहीं मिला...मां-बाप से किसी ने नहीं पूछा...बारामूला और मुंबई में दूरी बहुत है...इरफान और राहुल में फर्क बहुत है...पुलिस की गोली से मरना सबके लिए बड़ी बात नहीं...

2 comments:

ŧheßloodyĂtheist said...

सही कहा ..इरफान और राहुल में फर्क बहुत है...इरफान और राहुल में आज दूरी बहुत है...

Unknown said...

यार, क्या बात है। मुझे तो लगता है हर दिल की बात तुम कर रहे हो। सबको पसंद आई होगी। मेरे मन में भी कई विषयों पर कई बातें हैं... इजाजत हो तो तुम्हारे ब्लॉग को ही काला करूं।

वैसे, लगे रहो... बहुत अच्छा कर रहे हो।