क्या कभी आपने पति का कत्ल करने की सोची...क्या आपकी कोई नाजायज़ औलाद है...क्या आपको लगता है कि आपकी बीवी आपसे ज्यादा आपके पैसे से प्यार करती है...ये सवाल हैं स्टार प्लस के गेम शो ‘सच का सामना’ से...निजी हैं...बहुत मुश्किल हैं...डरावने हैं...कौन होगा जो इस तरह के सवालों के सामने खड़ा भी होना चाहेगा...जवाब देना तो बाद की बात है...क्या आप चाहेंगे...एक करोड़ रुपये के लिए भी नहीं?
यही बड़ा सवाल है...और आजकल सबके मन में है...क्या पैसे के लिए टीवी पर दुनियाभर के सामने अपने निजी सच जाहिर करना सही है...क्या पैसे की कीमत रिश्तों से ज्यादा है...क्या संवेदनाओं की कीमत लगाई जा सकती है...क्या अपनों का दिल तोड़कर अमीर बनना सही है...
इन सवालों के जवाब सबके अपने होंगे...इन सवालों के जवाब हां या ना में नहीं हो सकते...किसी सवाल का जवाब हां या ना में नहीं हो सकता...और सच बोलना हो तो कतई नहीं हो सकता...क्योंकि कोई ऐसा नहीं जिसका अपना सच न हो...किसी की पुरानी किताबें...किसी के पर्स में कुछ टुकड़े कागज़...कहीं किसी पुरानी फाइल में कुछ रद्दी अक्षर...स्टोर रूम में रखी एक गत्ते की पेटी...अनजान नाम से बना एक ईमेल आईडी...अजीब नाम से फोन में कोई नंबर...डायरी के कुछ ऐसे पन्ने जो चाहकर भी फाड़े नहीं जा सके...ड्राइव करते वक्त आया वह खयाल...
लेकिन सच अकेला नहीं होता...हर सच के साथ एक कहानी होती है...छिपे हुए सच की कहानी तो दर्दनाक होती है...हर छिपा हुआ सच वजहों और सफाइयों के ढेर के नीचे दुबका रहता है...हम सब उस ढेर को ढोते हैं ताकि सच छिपा रहे...
लेकिन स्टार प्लस का यह गेम शो हम सबको सोचने पर मजबूर तो करेगा...वहां जब सवाल पूछे जाएंगे...तो हमारे भीतर दुबका सच वजहों और सफाइयों के उस ढेर में कुलबुलाएगा जरूर...इधर राजीव खंडेलवाल सवाल करेगा और उधर हमारा ध्यान परछत्ती में रखी उस पेटी की ओर जाएगा जरूर...
मिस्टर राजीव खंडेलवाल, हम तो खुद से भी सच नहीं बोलेते...
Friday, 17 July 2009
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13 comments:
बात तो सही है...खुद से सच बोलना ज्यादा मुश्किल है...
सही भी हो सकता है और गलत भी ......देखते है क्या असर हो रहा है .....
रादमी खुद से भी कई सच बोलते हुये डरता है फिर जो लोग सब के सामने बोल रहे हैं क्या ये पैसे की भूख नहीं उस पति पर क्या गुजरी होगी जब पत्नि का झूठ सामने आया--- अब जीवन के इस मोड पर ऐसा दुख ?
उन्हें अपनी TRP बढानी है....वो जबरजस्ती किसी को बुला तो नहीं रहे होंगे...जिसे पैसे का लालच होगा वो जायेगा...चैनल वाले तो अब कुछ भी कर सकते हैं
क्या वह भी सच ही है इसकी क्या गारंटी की कोई छल क्षद्म नहीं ?
गलत भी और सही भी हो सकता है
सच क्या है ये किसको पता.........
गलत भी और सही भी हो सकता है
सच क्या है ये किसको पता.........
badi himmat se likh diya hai aapne....badhai
"हम तो खुद से भी सच नहीं बोलते"
पर, यंहा पर बात पूरी सच्चाई से कह गए.......................
एक बार ही सही, सच बोलने पर ढेरों बधाई.
सच सच है। हम और आप स्वीकारें या नहीं, उससे डरें या शान से माथे पर टिमकाएं...अक्सर कड़वा सच अपने कड़वे सचों को याद दिला देता है...
profile k shayer mein doosra ke bhi k(chhoti e) se hi hona chahiye
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