सुना आपने
‘चंद्रमोहन जी’ चांद मोहम्मद हो गए...चंद्रमोहन जी ‘मोहब्बत की खातिर’ चांद मोहम्मद हो गए...’हरियाणा के चंद्रमोहन जी’ मोहब्बत की खातिर चांद मोहम्मद हो गए...बड़ी बात है...ना...किसी चंद्रमोहन का चांद मोहम्मद हो जाना बड़ी बात नहीं...मोहब्बत की खातिर बहुत से चंद्रमोहन चांद मोहम्मद हो जाने को तैयार बैठे हैं...उन्होंने अपनी डिप्टी सीएम की कुर्सी खोई...पलिटिकल करिअर को दांव पर लगाया...परिवार को खोया...फिर भी मुझे उनका चांद मोहम्मद हो जाना बड़ी बात नहीं लगता...लेकिन एक बड़ी बात है...हरियाणा के चंद्रमोहन...उस हरियाणा के चंद्रमोहन जहां मोहब्बत पाप है...मोहब्बत के जहान में जहां में खाप पंचायतों की हुकूमत चलती है...जहां किसी के इश्क की भनक भी लग जाए तो दरातियां, कुल्हाड़ियां और मां-बाप के जिगर ही खून के प्यासे हो जाते हैं...उस हरियाणा में किसी चंद्रमोहन का चांद मोहम्मद हो जाना बड़ी बात है...
मैं हरियाणा से हूं...मैंने वहां सैकड़ों लड़कियों को मोहब्बत की बलि चढ़ते देखा है...मैंने वहां इश्क के नाम पर गिरी लाशें देखी हैं...मैंने वहां परिवारों को हैवान बनते देखा है...मैंने वहं बाप को अपने ही बेटे की मौत पर पंचायत की मुहर लगाते देखा है...मैंने वहां मांओं को अपनी जवान बेटियों के गले घोंटते देखा है...मैंने देखा है कैसे एक हफ्ते के भीतर उन लड़कियों की शादी हो जाती है जिन्होंने मोहब्बत की पहली आवाज को अपने दिल में महसूस ही किया था...मैंने देखा है कि किसी मोहब्बत का पता चलते ही कैसे गांव के गांव इकट्ठे होकर मौत के फरमान सुना देते हैं...एक अंकल जी हैं...उनकी बेटी...मेरे साथ ही पढ़ती थी...पढ़ा लिखा परिवार था...अच्छे मां-बाप हैं...बेटी को प्यार दिया...फिर उसे प्यार हो गया...वही बेटी दुश्मन हो गई...शादी करके चली गई लड़के के साथ चुपचाप...घर कसाईखाना हो गया...वहां सिर्फ मरने-मारने की बातें होने लगीं...वही रिश्तेदार जो कल तक बेटी के सिर पर प्यार से हाथ रखते थे...उसके कत्ल की योजनाएं बना रहे थे...और इसे सही ठहरा रहे थे...
उस हरियाणा में चंद्रमोहन का चांद मोहम्मद हो जाना बड़ी बात है...चंद्रमोहन ने अपनी पहली पत्नी से दगा किया...अपने बच्चों के साथ अन्याय किया...ये सब बातें सही हो सकती हैं...इन पर अलग से बहस हो सकती है...लेकिन मोहब्बत के लिए जिस तरह की मिसाल पेश की गई है...इस तरह की और मिसालों की इस वक्त हरियाणा और पूरे देश को सख्त जरूरत है...और यह मिसाल एक राजनेता ने पेश की है... यह और बड़ी बात है...क्योंकि अगर ऑनर किलिंग है, तो इसकी बहुत बड़ी वजह राजनेता हैं...जो वोट की खातिर उन बेरहम पंचायतों के खूनी फरमानों पर खमोशी ओढ़ लेते हैं...
अगर चंद्रमोहन का चांद मोहम्मद हो जाना किसी एक और मोहब्बत को परवान चढ़ाने की वजह बन सका...तो चंद्रमोहन की कुर्बानी सफल है...उस जगह जहां बच्चे इश्क करने से डरने लगे हैं...अगर चांद मोहम्मद और फिजा को देखकर दो-चार नौजवान दिल एक-दूजे के लिए धड़क सके...तो चंद्रमोहन जिंदाबाद...उनकी मोहब्बत जिंदाबाद...
Friday, 12 December 2008
चंद्रमोहन...सॉरी...चांद मोहम्मद जिंदाबाद...
Labels:
खाप पंचायत,
चंद्रमोहन,
चांद मोहम्मद,
डिप्टी सीएम,
फिजा,
मोहब्बत,
हरियाणा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 comments:
काफी अच्छा व्यंग कसा है आपने. मैं ख़ुद भी हरियाणा से हूँ और चंद्रमोहन का चाँद मुहोम्मद हो जाना वाकई बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता है.
बहुत बढिया पोस्ट है।बधाई।
chandermohan ki bat sbki nazar mein agyi...neta k bete thehre...ye bhi zaruri nahi k shadi k bad mohabbat nahi ho skti...wo to kabhi bhi chali ati hai zindagi mein...han patni se dga ek alag mudda hai..yahi umeed hai k aaj jise wo mohabbat keh rahe hain ,umr rehte wo brkarar rahe.abhi to Chand Mohammad keh skte hain k...ai dekhne walo muje hns hns k na dekho,Ye ishq kahin tmko mujsa na bna de.
वाकई हरियाणा के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहाँ इश्क पर कायम रहना वाकई बहुत हिम्मत का काम है। इस हिम्मत के लिए वह सचमुच बधाई के पात्र हैं।
- आनंद
नाम से कुछ नहीं होता मेरे भाई! क्या उनके जीवन में परिवर्तन आया?
Post a Comment