Thursday 25 June, 2009

हिंदू बच्चे का मुस्लिम नाम...हाय राम !

मुझे नहीं पता था कि यह ‘अपराध’ है। मैंने तो बस एक नाम सुझाया था...वे एक मीनिंगफुल नाम चाहते थे...आजकल यही फैशन है ना...नाम का अच्छा सा मीनिंग होना चाहिए...नाम बोलते हुए चाहे जबान टेढ़ी हो जाए...और मीनिंग भी ऐसा निकलेगा कि उसका भी मीनिंग पूछना पड़े...लेकिन उन्होंने जैसे ही कहा हमारे लिए तो यह ईश्वर का तोहफा है...मेरे मुंह से एक ही शब्द निकला...अयान...अयान यानी खुदा का तोहफा...गिफ्ट ऑफ गॉड...

बस यही मुझसे गलती हो गई...नाम बताते वक्त मैंने यह नहीं सोचा कि अयान उर्दू का लफ़्ज़ है और उस बच्चे के मां-बाप उर्दू को मुसलमानों की जबान समझते हैं। सुनते ही उन्होंने कहा...यह तो मुस्लिम नाम है...मुस्लिम नाम? क्या उर्दू का हर लफ़्ज़ मुस्लिम है?

फिल्म 'अ वेन्जडे' में एक बहुत अच्छा डायलॉग है – नाम रहने दीजिए, क्योंकि नाम को लोग धर्म के साथ जोड़ लेते हैं...अगर हिंदू और मुस्लिम नाम का फर्क मिट जाए तो कैसा हो...कोई अपना नाम बताए और पता ही न चले कि वह हिंदू है या मुसलमान...प्रभात अपने बेटे का नाम नज़ीर रखे और उस्मान के बेटी का नाम हो अपूर्वा...मैं तो यह भी चाहता हूं जॉन अपनी बेटी को ‘बाइ गुरमीत...’ कहकर स्कूल भेजें और कुलविंदर सिंह जी अपने बेटे को पंजाबी में प्यार से ‘ओ पीटरया...’ कह कर पुकारें...लेकिन कुछ लोग संस्कृति की दुहाई देते हैं...उनका तर्क है कि नाम अपनी संस्कृति और सभ्यता से प्रेरित होने चाहिए और उसकी पहचान होने चाहिए...

फिर भी गंगा-जमुनी तहजीब तो हम सबकी साझी है...आज जो संस्कृति हम सबकी है, उसमें कितनी ही चीजें, परंपराएं और चिह्न साझे हो चुके हैं...दुनियाभर की शादियों में लोग पंजाबी पॉप सॉन्ग्स पर ही नाचते हैं...फिर कब तक उन सैकड़ों साल पुरानी बातों की दुहाई देते रहेंगे हम...

जींस कल्चर की सबसे अच्छी बात यही है कि नौजवान अब धार्मिक चिह्न नहीं पहनते...किसी को राम और ओम लिखे कुर्ते पहने देख आप उसका धर्म नहीं बता सकते...धर्मों की ऐसी बहुत सारी खाइयों को पाटने के लिए बहुत सी बातों को बदलना है...क्यों ना शुरुआत नाम से ही करें...

(उस बच्चे का नाम अयान ही रखा गया है...उम्मीद है जब वह बड़ा होगा, तब तक भेद मिट चुका होगा...लोग उसे इंसान के तौर पर ही पहचानेंगे हिंदू या मुसलमान के तौर पर नहीं...आमीन !)

24 comments:

रंजन said...

बहुत सही कहा..

सुनीता शानू said...

क्या बात है! कितने सुन्दर विचार हैं आपके अच्छा लगा पढ़कर...विशेषकर यह पंक्तियां...

नाम रहने दीजिए, क्योंकि नाम को लोग धर्म के साथ जोड़ लेते हैं

.............
लोग उसे इंसान के तौर पर ही पहचानेंगे हिंदू या मुसलमान के तौर पर नहीं

अफलातून said...

बहुत खूबसूरत नाम सुझाया - अयान । उस्ताद अमजद अली के एक् बेटे का नाम भी शायद यही है।अर्थ बताया आपने।मेहरबानी ।

दिनेशराय द्विवेदी said...

उम्मीद पर दुनिया कायम है।

sushant jha said...

वैसे मेरे पिताजी के एक दोस्त थे, शमीम हाशमी। दो दफा सांसद भी रहे-उन्होने अपनी बेटी का नाम रानी रखा था और बेटे को प्यार से शेरु पुकारते थे। पता ही नहीं चलता था कि वे किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पत्नी करांची की थी, लेकिन हिंदुस्तान में आने के बाद सिंदूर लगाने लगी। भारत में कोई पूछता तो बोलती अच्छा लगता है, फैशन जैसा लगता है-उनके मायके पाकिस्तान में लोग उन पर हिंदू होने का संदेह करते। वो बोलती थी कि जैसे एक पटना की लड़की बेंगलूर में जाने पर गजरा लगाने लगाती है फैशन के तहत....तो एक मुस्लिम औरत सिंदूर क्यों नहीं लगा सकती। वे इसे व्यक्तिगत विचार मानती थी। धर्म से इसका कोई लेना देना नहीं था। तो कुल मिलाकर हमारे आसपास कुछेक लोग हैं जो वाकई सेकुलर हैं-जो सेकुलिज्म को जीते हैं, ढोंग नहीं करते।

कुश said...

मान गए उस्ताद... क्या बात कही है.. वैसे हमारे ऑफिस में भारतीय लड़की का नाम जापानी है...

विवेक said...

कुश भाई, आपकी बात पर मुझे याद आया कि हमारी एक सीनियर हैं...उनका नाम माशा है...माशा एक रशियन नाम है और उन्होंने अपना नाम खुद रखा था...जब वह पांचवीं क्लास में पढ़ती थीं...देखिए बच्चे को नहीं पता होता हिंदू नाम, मुस्लिम नाम...हम भी इसी नजरिए से सोचें तो...

Anonymous said...

क्या बात की साहब आपने... बहुत खूब...



... वैसे वो वाला डायलॉग शायद अ वेडनेसडे का है.

Arvind Mishra said...

अयान तो बहुत प्यारा नाम है

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

बहुत खूब लेकिन धर्म की दीवारे इतनी जल्दी नहीं हिलेंगी . हमारे बुजुर्ग टीचर दो भाई है एक राम नारायण दुसरे इकवाल नारायण

विवेक said...

माफी चाहता हूं सैयद भाई जान...वेन्ज़डे की जगह संडे लिखा गया...अभी ठीक कर दिया जाएगा...आपका आभार

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

इन्सान की सोच बदलते बदलते सदियां गुजर जाती हैं.....खैर उम्मीद पे दुनिया कायम है।

राज भाटिय़ा said...

वाह वाह वाह हम कितने बडे दिल के हो गये है, ओर जब हमारा अपना समय आयेगा तो.....???

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

बहुत सही कहा और उम्मीद पर तो दुनिया कायम है

निशांत said...

It's a nice post, dear Vivek, See this post http://www.nishantam.com/2009/06/blog-post_25.html

वीनस केसरी said...

बिलकुल सही,

मेरा नाम वीनस मगर मैं क्रिश्चियन नहीं हिन्दू हूँ

वीनस केसरी :)

M VERMA said...

नाम भी साम्प्रदायिक होते हैं मेरे भाई. बहुत ही सुन्दर आलेख. बधाई

Udan Tashtari said...

उम्मीद पर दुनिया कायम है, आप भी रहिये, शुभकामनाऐं.

mamta said...

अयान का अर्थ नही जानते थे पर ये नाम काफ़ी सुना है ।

Anonymous said...

विवेक जी,
नाम तो नाम यहाँ तो रंग तक बंट गए है
शकील साहब ने लिखा है......
"केसरिया हिंदू हुआ, हरा हुआ इस्लाम
रंगों पर भी लिख गया, जात धर्म का नाम"

दुआ करते है आपकी सोच तेजी से फेले

Anonymous said...

जो अपनी संस्कृति और सभ्यता, साहित्य से परे हैं वो मूल अर्थ नहीं जान सकते, "अयान" संस्कृत का शब्द है, जो कि भगवान शिव के नामों में से एक है।

ravi gupta said...

मैं अपने बेटे का नाम अयान रखा हु,कुछ लोगो ने आलोचना की। परंन्तु आज आज आलेख ओर कमैंट्स पढ़कर बहुत खुश हूं। धान्यबाद।

Unknown said...

मै भी अपने बेटे का नाम अयान रखा हूँ मै भी हिन्दू हूँ अयान नाम रखने से पहले मै भी यही सोचता था
मगर आप सभी के विचारों को सुनकर बहुत अच्छा लगा

Shailesh said...

मैं भी अपने बेटे का नाम अयान रखा हूँ, मैं भी एक हिन्दू ही हूँ
बहोत लोग बोलते हैं ये उर्दू शब्द हैं मैंने भी कहा इससे क्या फर्क पड़ता है।