Sunday, 1 November 2009

तस्वीरों में सैर संडे बुक बाजार की

इस संडे सुबह उठा, तो किताबों से मिलने का मन हुआ। बस कदम चल पड़े दरियागंज की ओर। साथ में कैमरा भी हो लिया। उस मुलाकात में जो कुछ हुआ...पेश है...













ऐसी ही कुछ मुलाकातें और हैं...अगर आपको ये पसंद आईं, तो उनसे भी मिलवाऊंगा।

(बिना अनुमति तस्वीरों का प्रयोग वर्जित है।)

7 comments:

अजय कुमार झा said...

अरे विवेक बाबू हम तो पिछले हफ़्ते हो आए थे पता होता तो आज का ही कार्यक्रम बनाते ..किताबों के साथ शायद आप हमारी भी फ़ोटू खींच लाते..वैसे ये संडे मार्केट है बहुत कमाल....वो पुरानी मुद्राओं/ सिक्के वाले की फ़ोटू नहीं ली क्या आपने ....?

Udan Tashtari said...

हिन्दी की किताबें नहीं होती क्या वहाँ..तस्वीर में नहीं दिखीं.

M VERMA said...

बहुत मोटी मोटी किताब है सब पढना पडेगा का.

Rajeysha said...

उपस्‍थि‍त।

योगेन्द्र मौदगिल said...

सभी फोटो अच्छी हैं...wahwa

Arpna Chandail said...

ये ब्लॉग तो बहुत अच्छा है ... पर २ साल से इसमें कुछ नया क्यों नहीं जोड़ा गया..???

Unknown said...

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