tag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post5035772412952612483..comments2023-09-25T13:48:40.302+05:30Comments on <b>थोड़ा सा इंसान...</b>: अस्पतालः उदासियों की भीड़ और उम्मीदों का मजमा<b>विवेक</b>http://www.blogger.com/profile/07114599563006543017noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-11763252957630960932009-03-06T07:51:00.000+05:302009-03-06T07:51:00.000+05:30आपकी पोस्ट ने कुछ छोडा ही नहीं टिप्पणी करने के लिए...आपकी पोस्ट ने कुछ छोडा ही नहीं टिप्पणी करने के लिए. आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-9918666199364214702009-01-23T16:03:00.000+05:302009-01-23T16:03:00.000+05:30mzaak or udasi ko mila kar pesh karna aapki sabse ...mzaak or udasi ko mila kar pesh karna aapki sabse badi khubi haiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-50707735444529312832009-01-22T18:52:00.000+05:302009-01-22T18:52:00.000+05:30अस्पताल जगह ही ऐसी होती है.....एक से बढकर एक मुसी...अस्पताल जगह ही ऐसी होती है.....एक से बढकर एक मुसीबतें.....घर पर जो मुसीबत बडी लगती है..;अस्पताल जाने के बाद छोटी हो जाती है।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-36798902713807865612009-01-22T18:46:00.000+05:302009-01-22T18:46:00.000+05:30गज़ब लिखते हो भाई..बेहद पसंद आया दिल की गहराईयों से...गज़ब लिखते हो भाई..बेहद पसंद आया दिल की गहराईयों से लिखी बात.<BR/><BR/>गुरुद्वारे और और चर्च को भी गिन लीजिए...नहीं तो कहेंगे तकलीफ में सांप्रदायिक हो गया हूं...<BR/><BR/><BR/>--बहुत सही सुरक्षा कवच लगा लिया.<BR/><BR/>नियमित लिखिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-68310483602413819022009-01-22T16:12:00.000+05:302009-01-22T16:12:00.000+05:30kya yaar vivek bhai..kya yaar vivek bhai..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5576368964157158013.post-46525080159414574242009-01-22T12:55:00.000+05:302009-01-22T12:55:00.000+05:30दिल से लिखी गई एक बेहद मार्मिक पोस्ट --और आप को डा...दिल से लिखी गई एक बेहद मार्मिक पोस्ट --और आप को डाक्टर बाबू के रोकने पर अपने मामा का रोकना ---क्या बात की है !!<BR/>और उस ने तो दोस्त हिला ही दिया जब आपने लिका कि उम्मीदें हंस रही थी और बाद में उदासी हंस रही थी। <BR/>लेखक लोग बहुत ही ज़्यादा संवेदनशील होते हैं ..लेकिन वे भी क्या करें ---यह सब कहां उन के बश में है। <BR/>और सुनाइये , आप की तबीयत कैसी है ? --कोई सेवा हो तो इस नाचीज को ई-मेल करियेगा। <BR/>शुभकामनायें।Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.com